कर्म प्रधान विश्व करि राखा। जो जस करै सो तस फल शाखा।।
काहु न कोउ सुख-दुख कर दाता। निज कृत कर्म भोग सब भ्राता।।
- श्रीरामचरितमानस-अयोध्या कांड
कर्म प्रधान विश्व करि राखा। जो जस करै सो तस फल शाखा।।
काहु न कोउ सुख-दुख कर दाता। निज कृत कर्म भोग सब भ्राता।।